A Review Of treatment piles cream
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यदि बवासीर के कारण सूजन और दर्द बहुत ज्यादा हो, तो गुदा क्षेत्र पर बर्फ लगाएं। यह नसों की सूजन को कम करता है।
इसमें दर्द, जलन और सूजन होती है, लेकिन खून नहीं आता।
बहुत से लोग बाहरी पाइल्स से राहत पाने के लिए विच हेज़ल का उपयोग करते हैं, प्राकृतिक विच हेज़ेल एंटीऑक्सीडेंट और अज्वलनशील होता है जो नील पड़ने से भी बचाता है। यह एक एस्ट्रिजेंट होता है जो हेमोरोइड्स में टिस्सुस को श्रिंक करने का काम करता है।
गुदा में खुजली और जलन महसूस हो सकती है।
ध्यान दें: बवासीर की तकलीफ बढ़ी हो तो योगासन हल्के तरीके से करें।
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आयु ४५-६५ वर्ष के बीच (सभी आयु समूहों में हो सकती है, हालांकि, इस अवधि के दौरान यह अधिक आम है)
आयुर्वेद में बवासीर को ‘अर्श’ कहा गया है। यह वात, पित्त एवं कफ तीनों दोषों के दूषित होने से होता है। इसलिए इसे त्रिदोषज रोग कहा गया है। जिस बवासीर में वात या कफ की प्रधानता होती है, वे अर्श शुष्क होते हैं। इसलिए मांसांकुरों में से स्राव नहीं होता है। जिस अर्श में रक्त या पित्त या रक्तपित्त की प्रधानता होती है, वे आर्द्र अर्श होते है। इसमें रक्तस्राव होता है। शुष्क अर्श में पीड़ा अधिक होती है।
जब मलद्वार की नसों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, तो वे सूज जाती हैं और बवासीर बनती है।
जयादा पानी पीने से कब्ज की समस्या नहीं होती है जिससे मल website त्याग करते समय तनाव कम हो जाती है
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जनरल सर्जन - गुदा रोग विशेषज्ञ (प्रोक्टोलॉजिस्ट)
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